उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया में तेजी आ गई है,अब करीब 70 प्रतिशत मतदाताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में अभिलेख नहीं दिखाने होंगे,बाकी मतदाताओं के नाम उनके माता-पिता इत्यादि के नाम से सत्यापित किए जाएंगे।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कार्य में किसी भी तरह की चूक न हो इसके लिए चुनाव आयोग पूरी तरह सतर्क है,मंगलवार को प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने सभी जिलों के डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने व हटाने का कार्य पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से किया जाए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सीईओ ने सख्त निर्देश दिए कि हर कीमत पर शुद्ध वोटर लिस्ट तैयार की जाए, बुधवार को एसआईआर को लेकर सीईओ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्य राजनीतिक दलों के साथ एक आवश्यक बैठक करेंगे, सीईओ ने कहा कि एक जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानते हुए एसआईआर की प्रक्रिया पूरी की जाए,सीईओ नवदीप रिणवा ने कहा कि बीएलओ को गणना प्रपत्र, घोषणा पत्र व फॉर्म-छह उपलब्ध कराया जाए। मतदाता द्वारा भरे गए गणना प्रपत्र की एक प्रति बीएलओ के पास होगी और दूसरी प्रति पर वह हस्ताक्षर कर उसे मतदाता को वापस लौटाएगा,इस दौरान गणना प्रपत्र के अलावा अन्य कोई अभिलेख न लिए जाएं,फिलहाल प्रदेश में कुल 15.44 करोड़ मतदाता शामिल हैं,वर्ष 2003 में यहां अंतिम बार एसआईआर था।
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