असम: बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए असम विधानसभा ने एक विधेयक गुरुवार (27 नवंबर 2025) को पारित किया, इस कानून के तहत अगर कोई बहुविवाह करता है तो उसे अपराध माना जाएगा और कुछ अपवादों को छोड़कर इसके लिए अधिकतम 10 वर्ष के लिए जेल होगी और पीड़िता को 1.40 लाख रुपये मुआवजा देने का भी प्रावधान है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, यही नहीं धोखाधड़ी से किये जाने वाले विवाह के खिलाफ फरवरी के अंत तक सत्र के दौरान एक और विधेयक लाया जाएगा,हमने लव-जिहाद के बारे में जो कुछ भी कहा है,हम उसे पूरा करेंगे,उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सरकार लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाएगी और इसके खिलाफ एक विधेयक पेश करेगी।
असम बहुविवाह निषेध विधेयक 2025 के पारित किए जाने के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह कानून धर्म से परे है और इस्लाम के खिलाफ नहीं है जैसा कि एक वर्ग इसे मान रहा है, हिंदू भी बहुविवाह से मुक्त नहीं हैं,यह हमारी भी जिम्मेदारी है. इस विधेयक के दायरे में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और सभी अन्य समाजों के लोग आएंगे,बहुविवाह के दोषी को कानून के अनुसार 7 साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है,यदि कोई व्यक्ति अपनी मौजूदा शादी को छिपाकर दूसरी शादी करता है तो उसे 10 साल कारवास और जुर्माने की सजा हो सकती है,इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के लोगों और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।
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