भारत सरकार देश में ऊर्जा को लेकर काफी संजीदा है, जिसकी वजह से सितंबर में भारत में कोयले का आयात 13.54% बढ़कर 22.05 एमटी हो गया, वहीं गैर-कोकिंग कोयला 13.90 एमटी और इस्पात उद्योग के लिए जरूरी कोकिंग कोयला 4.50 एमटी रहा, दूसरी ओर बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी देश में कई नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स लगाने की योजना बना रही है।
अप्रैल-सितंबर 2025 की अवधि में गैर-कोकिंग कोयले का आयात घटकर 86.06 एमटी हो गया, जबकि कोकिंग कोयले का आयात बढ़कर 31.54 एमटी हो गया,यह जानकारी एमजंक्शन सेवाएं ने दी है, जो टाटा स्टील और सेल की साझेदारी वाली बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है।
वहीं इस मामले में एमजंक्शन की एमडी और सीईओ विनया वर्मा ने कहा कि त्योहारों से पहले खरीदारों ने नए ऑर्डर लिए, जिससे आयात में बढ़ोतरी हुई। आगे चलकर इस्पात मिलों की सर्दियों में स्टॉकिंग की मांग कोकिंग कोयले के आयात को बढ़ाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्पात और औद्योगिक कोयले की मजबूत मांग बिजली क्षेत्र की मौसमी कमजोरी को भी पीछे छोड़ सकती है।
दूसरी ओर राज्यों की बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी देश में कई नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स लगाने की योजना बना रही है। कंपनी 700 मेगा वॉट, 1,000 मेगा वॉट और 1,600 मेगा वॉट क्षमता वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करेगी। इसका लक्ष्य 2047 तक भारत की प्रस्तावित 100 GW न्यूक्लियर क्षमता में 30% यानी 30 GW हिस्सेदारी हासिल करना है।
ध्यान रहे कि एनटीपीसी फिलहाल गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में भूमि विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। परमाणु परियोजनाओं की साइटें एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) द्वारा अनुमोदित होंगी।
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