उत्तर प्रदेश सरकार ने कई राज्यों में जहरीले कफ सिरप से हो रही बच्चों की मौत को देखते हुए,खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने कोल्ड्रिफ सिरप की व्यापक जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं,विभाग ने राज्यभर के ड्रग इंस्पेक्टरों को सतर्क करते हुए निर्देश दिए हैं कि वह मेडिकल स्टोर और अस्पतालों से कफ सीरप के सैंपल लेकर किसी भी संदिग्ध दवा का वितरण रोकें।
रविवार को मध्य प्रदेश के एक पत्र से मिली जानकारी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल पता बेंगलुरू हाईवे सुंगुवाचत्रम जिला कांचीपुरम, तमिलनाडु द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप बैच संख्या एसआर-13 (मैन्युफैक्चरिंग मई 2025 समाप्ति अप्रैल 2027) में डायएथिलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई है,जिसके बाद उत्तर प्रदेश शासन ने आदेश दिया कि किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल और मेडिकल स्टोर या गोदाम में कोल्ड्रिफ सिरप अथवा मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल की अन्य कफ सीरप और दवाएं पाई जाएं तो उनका नमूना लेकर तुरंत उसका वितरण रोका जाए।
उधर केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सचिव राज्यों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक कर कफ सिरप की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा,साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-ज़ुकाम की दवाएं न दी जाएं।
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