यूपी: नोएडा के बहुचर्चित निठारी हत्याकांड से जुड़े सुरेंद्र कोली को 13 केसों में बरी होने के बाद बुधवार को लुक्सर स्थित गौतमबुद्ध नगर जिला जेल से रिहा कर दिया गया है, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निठारी कांड से जुड़े अंतिम यानी 13वें केस में भी सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया था,मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी सजा रद्द कर तत्काल रिहाई का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष सुरेंद्र कोली के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर पाया। अदालत ने माना कि जांच के दौरान कई गंभीर प्रक्रियागत खामियां रहीं, जिसके चलते दोषसिद्धि बरकरार नहीं रखी जा सकती। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को सिर्फ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उम्रकैद या फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक कि आरोप बिना किसी संदेह के साबित न हों।
सुरेंद्र कोली 2006 के नोएडा निठारी कांड में मुख्य आरोपी था, निठारी गांव में बच्चों के गायब होने और फिर उनके शवों के मिलने से देशभर में सनसनी फैल गई थी,जांच एजेंसियों ने कोली और उनके मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर को गिरफ्तार किया था, सुरेंद्र कोली को कई मामलों में दोषी ठहराया गया और उन्हें फांसी की सजा भी सुनाई गई थी,जिसे बाद में उम्रकैद में बदल दिया गया, वर्ष 2023 में मुनेंद्र सिंह पंढेर भी निठारी कांड के सभी मामलों से बरी किया जा चुका है।
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