भारत-पाकिस्तान की सीमा गुजरात और राजस्थान में ‘त्रिशूल 2025’ तीनों सेनाओं का बड़ा युद्धाभ्यास का समापन हो गया है, इस अभ्यास में संयुक्त जल-थल अभियानों,तटीय रक्षा और उभरते समुद्री खतरों के लिए एकीकृत वायु-भूमि-समुद्र प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे तीनों सेनाओं के बीच परिचालन तालमेल में वृद्धि हुई, इस अभियान में नए अस्त्र-शस्त्रों, सैन्य उपकरणों और प्रक्रियाओं का परीक्षण किया गया,त्रिशूल 2025 अभ्यास ने इनके सटीक प्रदर्शन पर मुहर लगा दी।

इस अवसर पर वाइस एडमिरल स्वामीनाथन ने कहा कि इस अभ्यास में सेना के लगभग 30,000 जवान, अनेक लड़ाकू विमान और नौसेना के लगभग 25 जहाज एवं पनडुब्बियां शामिल हुईं,जिसमें ‘हमने युद्ध कौशल का अभ्यास किया है, एक ‘कैरियर बैटल ग्रुप’ के साथ किया गया अभ्यास भी शामिल है,विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत इसका हिस्सा रहा।

नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख ने कहा, हम त्रिशूल अभ्यास से और अधिक मजबूत होकर लौट रहे हैं,भारतीय सेना के तीनों शीर्ष कमांडरों ने इससे पहले आईएनएस विक्रांत पर सवार होकर त्रिशूल अभ्यास के तहत आयोजित संयुक्त बहु-क्षेत्र अभियान की समीक्षा की।
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