सुधा/लखनऊ:शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आज 22 सितंबर सोमवार से शुरू हो रही है,नवरात्रि के पहले दिन सुबह से मंदिरों में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ और लंबी कतारें लगी हुई हैं,भक्त पूजा-अर्चना कर माता रानी से सुख,समृद्धि और शांति की कामना कर रहे हैं।

आश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि शुरू होते हैं,पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है,पौराणिक कथाओॆ के अनुसार माता शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना गया है,पूर्व जन्म में वे राजा दक्ष की कन्या सती थीं,जिन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था,दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में शिव का अपमान देख सती ने आत्मदाह कर लिया, जिससे भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ ध्वस्त कर दिया और सती के शरीर को लेकर विचरण करने लगे,तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के 51 अंग विभक्त किए, जो शक्तिपीठ कहलाए,इसके उपरांत सती ने हिमालय के घर जन्म लेकर शैलपुत्री के रूप में अवतार लिया।
मान्यानुसार,नवरात्र के इन नौ दिनों तक मां दुर्गा पृथ्वीलोक में निवास करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं,इस साल शारदीय नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिन की होगी,नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होगी, तृतीया तिथि का व्रत 24 और 25 सितंबर को रखा जाएगा, इस बार तृतीया तिथि दो दिन रहेगी,जिससे शारदीय नवरात्रि में एक दिन की वृद्धि होगी, नवरात्रि में बढ़ती तिथि को शुभ माना जाता है, जबकि घटती तिथि को अशुभ, नवरात्रि में बढ़ती तिथि शक्ति, उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
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