राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गुरुवार को विजयदशमी पर संगठन का शताब्दी वर्ष मना रहा है,100 वां स्थापना दिवस के अवसर पर नागपुर के रेशमबाग में आयोजित विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया,संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ‘आज पूरी दुनिया में अराजकता का माहौल है, ऐसे समय में पूरी दुनिया भारत की तरफ देखती है, आशा की किरण ये है कि देश की युवा पीढ़ी में अपने देश और संस्कृति के प्रति प्रेम बढ़ा है,समाज खुद को सक्षम महसूस करता है और सरकार की पहल से खुद ही समस्याओं का निदान करने की कोशिश कर रहा है,बुद्धिजीवियों में भी अपने देश की भलाई के लिए चिंतन बढ़ रहा है,संघ प्रमुख ने ट्रंप के टैरिफ मार का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरे देशों पर निर्भरता मजबूर बना देती है, इसलिए स्वदेशी का कोई पर्याय नहीं है, हमें स्वदेशी का उपयोग करना पड़ेगा।

संघ प्रमुख ने कहा ‘सभी विविधताओं के साथ हमें एक सूत्र में पिरोने वाली भारतीय राष्ट्रीयता है, हिंदू राष्ट्रीयता है, जिसे हिंदू शब्द से आपत्ति है,वह हिंदवी कहे,आर्य कहे, हमारा राष्ट्र राज्य पर आधारित कल्पना नहीं है, हमारी संस्कृति राष्ट्र बनाती है, देश आते जाते रहते हैं,राष्ट्र सदा विद्यमान रहते हैं। हमने गुलामी झेली, आक्रमण झेले लेकिन इनके बावजूद सनातन, आज भी मौजूद हैं। वसुधैव कुटम्बकम की धारणा इसी समाज ने दी है। संघ, हिंदू समाज को संगठित करने का काम कर रहा है।
संबोधन से पहले संघ प्रमुख ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ शस्त्र पूजा की, आपको बता दें कि यह वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है और 2025 विजयादशमी से 2026 विजयादशमी तक संघ शताब्दी वर्ष मनाएगा,शताब्दी वर्ष पर लगभग 21000 स्वयंसेवकों की उपस्थिति में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया,इस समारोह में घाना, दक्षिण अफ्रीका ,थाईलैंड, इंडोनेशिया, यूके के अतिथि भी इस साल इस समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे, कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले,संघ के गडवेश में मौजूद है।
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