नई दिल्ली में आयोजित सिंधी समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बड़ा बयान दिया,जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गई है,रक्षा मंत्री ने कहा कि भले ही आज भौगोलिक रूप से सिंध भारत का हिस्सा नहीं है,लेकिन सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और भविष्य में सिंध फिर से भारत में वापस आ सकता है।
सिंधी समाज के सम्मेलन बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कि आज सिंध की भूमि भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन सभ्यता की दृष्टि से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा और जहां तक जमीन की बात है,सीमाएं बदल सकती हैं,कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच आया,उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान पाकिस्तान का सिंध राज्य सिंधी समुदाय के सदस्यों का मूल स्थान है,जो भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं,सिंध सिंधु घाटी सभ्यता का उद्गम स्थल भी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसी देशों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों पर सालों से अत्याचार हो रहे हैं, घर जलाए गए, बच्चे मारे गए, बेटियों पर ज़ुल्म ढाए गए,जबरन धर्मांतरण किए गए,राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA उन लोगों के लिए जो 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों को भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रदान करता है, इसमें उन लोगों को शामिल किया गया है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके थे और जिन्हें प्रासंगिक आव्रजन कानूनों के प्रावधानों से छूट दी गई थी. यह कानून उन अल्पसंख्यकों को राहत देने के लिए लाया गया है, जिन्होंने अपने मूल देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया।
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